AGRICULTURAL IRRIGATION
Agricultural (Irrigation and Animal Husbandry)
हिमाचल प्रदेश एक पर्वतीय राज्य है यहां का वातावरण जल वायव्य स्थिति तथा भौगोलिक परिस्थितियां कृषि एवं पशुपालन अनुकूल नहीं होने के पश्चात ही यह एक कृषि प्रधान राज्य है
प्रदेश
में कृषि कार्य घाटियों तथा कम ऊंचे क्षेत्रों में शिर्डी दार खेत बनाकर किए जाते
हैं यहां बागानी कृषि अधिक प्रचलित है
हिमाचल
प्रदेश में खेतों की जोते बहुत छोटी हैं 83.7% से अधिक कृषक निर्मल या अति न निम्न कृषक श्रेणी
में आते हैं
राज्य
में कुल घरेलू उत्पाद का लगभग 30%
कृषि तथा इससे सौगंध क्षेत्रों से प्राप्त होता है यहां पर कृषि जोते
के अंतर्गत 9.40% लाख
हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया जाता है कुल जोते नए क्षेत्र में 80% क्षेत्र वर्षा पर आधारित है
कृषि
गणना 2010 - 11 के
अनुसार प्रदेश के कुल जोते में से लगभग 88% जूते लघु व सीमांत कृषकों की है
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Agricultural |
हिमाचल प्रदेश के प्रमुख कृषि प्रदेश
राज्य को
निम्नलिखित चार प्रमुख कृषि क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है।
शिवालिक क्षेत्र अथवा उपोषणीय खंड
इस
क्षेत्र में समुद्र तल से 800 की ऊंचाई
पर स्थित पहाड़ों की तलहटी के उप उष्णकटिबंधीय क्षेत्र आते हैं इस क्षेत्र की औषध
वार्षिक वर्षा 150 सेमी है
इसमें हिमांचल रख के क्षेत्र का 35% भाग तथा कृषि योग्य भूमि का
33% भाग
सम्मिलित है इस क्षेत्र की मृदा रेतीली दोमट है
इस क्षेत्र की प्रमुख फसलें गेहूं, मक्का, धान, गन्ना, चना, आलू तथा सब्जियां है
यह
क्षेत्र खट्टे फसलों के उत्पादन जैसे संतरा मौसमी आदि के लिए सर्वोत्तम है
मध्य प्रगति क्षेत्र
यह
क्षेत्र समुद्र तल से 800 से 1,600 मी की
ऊंचाई तक है इस क्षेत्र की जलवायु तोषण है तथा वार्षिक वर्षा का औसत 180 सेमी है
इस
क्षेत्र की मृदा अरे तिल्ली दोमट और जितनी दोमट है इस क्षेत्र में राज्य के कुछ
भौगोलिक क्षेत्रफल का 32% तथा कृषि
योग्य भूमि का 53% भाग आता
है
सर्दियों
में जलवायु आंद्र तथा गर्मियों में शुष्क रहती है इस क्षेत्र की मुख्य फसलें मक्का
गेहूं धान चना आलू तथा जौ है
इस
क्षेत्र में समुद्र तल से 1,600
में ऊंचे भूभाग सम्मिलित है इस क्षेत्र की जलवायु आंध्र तथा
समशीतोष्ण है यहां ऊंचे पर्वतों की चरागाह ए मिलती है
इस
क्षेत्र की मृदा चिकनी तो मटक अथवा दोमट है जिसमें अम्लीय तत्व रहते हैं इस
क्षेत्र की वार्षिक वर्षा औसत 1
जिलों से 150 सेमी है
इस
क्षेत्र में राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 25 तथा कृषि भूमि का वन क्षेत्र सम्मिलित है
इस
क्षेत्र में गेहूं बाजरा आदि फसलें उत्पादित की जाती हैं इनके साथ ही यह क्षेत्र
आलू सेव नाशपाती उत्पादन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है
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Agricultural Irrigation and Animal Husbandry |
इस
क्षेत्र में लाहौल स्पीति किन्नौर तथा चंबा जिले की पान की तहसील सम्मिलित हैं इस
क्षेत्र का अधिकांश क्षेत्र समुद्र तल से 2,700 में की ऊंचाई पर स्थित है
इस
क्षेत्र में राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 6% तथा कृषि योग्य भूमि का 3% भाग से अमृत है
इस क्षेत्र में उत्पादित की जाने वाली प्रमुख कृषि फसलों में यूरोपीय किस्म की सब्जियां तथा सेब अंगूर बादाम अखरोट इत्यादि हैं प्रदेश के किन्नौर और लाहौल स्पीति में काले जीरे का उत्पादन भी होता है
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